Thursday, August 25, 2016

अथ श्री व्यापकं कथा


व्यापकं व्यापमं 
कांग्रेसं भाजपं 

सत्तर लक्ष लाभान्वितं 
रहे कई आशान्वितं

पंद्रह सौ जेल शोभितं
आठ-नौ सौ पलायितं

पैंतालीस ना जीवितं
सीटी फूंकक शंकितं


बाबू गौर सुभाषितं 
यदि आगत निश्चित गतं 

एल के शर्मा जेलितं
महामहिम उद्वेलितं

हज़ार अयोग्य प्रमाणितं
मेडिकल से निष्कासितं

जनता पूरी शंकितं
उमा भी अति आतंकितं

वांट्स टु नो ये नेशनं
चीखें रविशं अर्नबं

घटनाक्रम कुछ शापितं
व्यापम रक्षति रक्षितं

बात तो निकली निश्चितं
यद्यपि अंत अनिश्चितं


(७  जुलाई २०१५ को फेसबुक पर प्रकाशित)

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