Tuesday, August 23, 2016

केजरि - कथा

केजरि कथा
दिल्ली व्यथा
जो भी हुआ
होना न था
मोदी का डर
आठों पहर
आलोचना
लें अन्यथा
ट्वीटें करें
कुंठा हरें
बस ना करें
जो काम था
गाली बकें
पर ना थकें
स्तर गिरा
है सर्वथा
अब क्या करें
ये दिन फिरें
दिल्ली यथा
राजा तथा
(लिखते लिखते फील हुआ कि इसको येशुदास के गीत 'माना हो तुम ' की धुन पर गाया जा सकता है, गायें , कोई रोक टोक नहीं है )
- फेसबुक पर प्रकाशित (२७ जुलाई २०१६)

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