जब जीतू भैया और शुकुल ने होली का विवरण दे डाला तो हमने सोचा कि हमारा पोर्टलैंड क्यों पीछे रहे. हमलोगों ने भी यहाँ ११ मार्च को 'हिंदी संगम' के तत्वावधान में होली मना डाली.
कार्यक्रम की शुरुआत हुई कवि सम्मेलन से. फिर हुआ सिलसिला होली की उपाधियों का. 'मिलिये मेहमान से' कार्यक्रम में लालू जी घुस आये. उनका साक्षात्कार हुआ. फिर हुआ समूह गान जिसमें लोग नाचे, ढोलक, मंजीरे बजाये और अपनी पसंद का गीत गाया.और हाँ, अंत में कवि सम्राट का पुरस्कार भी जनता के वोट द्वारा दिया गया.
कुल मिला कर सफल रहा सब कुछ. करीब ३०० लोग इकट्ठा हो गये थे इस बार.
लीजिये हाजिर है उपाधियाँ आपकी सेवा में. आप मदद करें इनको पहचानने में (सस्पेंस बनाने का प्रयास, सुना है जनता इससे थ्रिल्डावस्था को प्राप्त होती है)
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१.
जंगल में अब भी है भालू
और समोसे में है आलू
गुंडा तो अब भी है कालू
छोड़ गया पर हमको लालू
२.
तीन देवियों के चक्कर में, फंस गया मैं बेचारा
शादी ही कर लेता भैया, क्यों रह गया कुंवारा
घुटने घिस गये इस चक्कर में, करना पड़ा रिप्लेस
पार्टी का बन गया मुखौटा, भूल गया मैं अपना फेस
३.
फोटो सबके साथ खिंचाता, नेता हो या अभिनेता
पेज ३ से दोस्ती अपनी, सबसे पंगा लेता
हीरोइन से बातें मेरी, कर लीं किसने टेप
मंत्री संतरी को दूं गाली, कैसे मिटाऊं झेंप
४.
ज़ुल्फ लहरायी तो, बालर को पसीना आ गया
रन की हो बरसात, सावन का महीना आ गया
बल्ले वाला धोबी है, बालर को कसके धोये
टीम सामने वाली, सर पीट-पीट के रोये
५.
कह दो ना कह दो ना, यू आर माई बाप सोनिया
चरण पादुका तेरी लेकर, तेरे नाम से राज किया
वैसे तो स्कालर हूं, पर ऐसा भक्त हूं तेरा
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा
६.
जवां थे सुपर स्टार थे, अब तो हैं मेगा-स्टार
कजरारे नैना भी करें, इनसे अपना इकरार
पान खायें या रंग बरसायें, इनका ऊंचा काम
अब ये हैं तो इनके अंगने, नहीं किसी का काम
७.
कभी असेम्बली भंग कराऊं, बंद खाते खुलवाऊं
हुकुम चलाऊं पीछे से मैं, सबपे मैं गुर्राऊं
घोटाले सब इंटरनेशनल, मुझसे कुछ जो कहियो
मैं मैके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो
उत्तर अगले अंक में.........
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7 comments:
१. शायद - लालू प्रसाद यादव
२. अटल बिहारी बाजपेयी
३. ?
४. महेन्द्र सिंह धोनी
५. मनमोहन सिंह
६. अमिताभ बच्चन
७. शायद - सोनिया गांधी
ठीक है क्या ठलुआ भाई?
विजय भाई ने नं.३ छोड दिया:
अमर सिंग
यह मेरी सोच है.
समीर लाल
1. अपने लालुजी
2. अपने अटलजी
3. अपने अमरसिंहजी
4. दे दनादन धोनी
5. मन के मोहन मनमोहन
6. खुश तो बहुत होंगे तुम : लम्बु
7. अपनी बहु सोनिया
अब आप सारे विद्वान कह रहे हो तो सही ही होगा. (और सही भी है)
धन्य ब्लागरगण!
और धन्यवाद विजय, समीर और पंकज
अच्छी जुगत भिड़ाई है, खोला प्र्शन पिटारा
लालू, अटल, मनमोहन, धोनी संग लंबू बेचारा,
अमरसिंह भि खीच लिए जो थे खिसेयाए,
मैड़्म जी ने भी अपने दांव पेच चलाए,
हंसी आ गई सबको अरे ठलुआ जी,
थिरलावस्था को प्राप्त हुई है प्र्जा सभी....
सममुच हास्य रस की रचनाएं आज के व्यस्तता भरे जीवन में ताज़गी का अनुभव करवाती है, ठलुआ जी ,भावी लेखन के लिए शुभकामनाएं.
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Swagat hai aapka!
Aaiye, apne vichar parosiye!
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