tag:blogger.com,1999:blog-8138267.post109756574322968941..comments2023-10-22T05:52:59.309-07:00Comments on ठलुआ: एक कविताइंद्र अवस्थीhttp://www.blogger.com/profile/06225450789713805254noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097820970445883162004-10-14T23:16:00.000-07:002004-10-14T23:16:00.000-07:00भाषा तो वही है बिलकुल,
लगते हो तुम हमको शुकुल।
अब...भाषा तो वही है बिलकुल,<br />लगते हो तुम हमको शुकुल।<br /><br />अब जो अकेले पियोगे चाय<br />तो झेल न पाओगे हमारी हाय<br /><br /><br />अब जो तुमने किया है ये झाम<br />छोड़ के सारे काम धाम<br />खुद तो छाँही में बैठे हो<br />हमको दिखलाते हो घाम<br /><br />अब न छाँटो ये लन्तरानी<br />चिरकुटई की है लंबी कहानी<br />टाइम बहुत हो गया अगर है<br />सो जाओ अब पीकर पानीइंद्र अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/06225450789713805254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097770705617124512004-10-14T09:18:00.000-07:002004-10-14T09:18:00.000-07:00नाम-वाम में क्या रक्खा है
असल चीज है काम.
तुम नाम ...नाम-वाम में क्या रक्खा है<br />असल चीज है काम.<br />तुम नाम पूंछते रह जाओगे<br />यहां चला जायेगा घाम.<br /><br />चला जायेगा घाम -<br />बहुत तुम तब पछताओगे.<br />'सूप'भला क्या पी पाओगे-<br />ठिठुरोगे,हाथ मसलते रह जाओगे.<br /><br />'सूप'अभी तो समय लगेगा<br />चाय कडक मंगवायी है,<br />लपक के तुम भी आ जाओ<br />ये देखो कोयल भी कुकयायी है.अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097690926022253882004-10-13T11:08:00.000-07:002004-10-13T11:08:00.000-07:00कउन हौ तुम बेनाम,
तनिक बतलाया जाय नाम ।
नहीं तो हम...कउन हौ तुम बेनाम,<br />तनिक बतलाया जाय नाम ।<br />नहीं तो हमीं पी जायेंगे सूप,<br />तुम सेंकते रह जाओगे धूप ।इंद्र अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/06225450789713805254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097689163998955252004-10-13T10:39:00.000-07:002004-10-13T10:39:00.000-07:00ई जापानी कविता है हायकू
इसके चक्कर में पडता कायकू...ई जापानी कविता है हायकू <br />इसके चक्कर में पडता कायकू?<br /><br />या<br />कोयल रही है कूक<br />मन में उठी है हूक<br />'चौचक' खिली है धूप<br />भाड में गया निमंत्रण<br />चट से तुम उठो<br />पट से बना लाओ 'सूप'.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097688887030306512004-10-13T10:34:00.000-07:002004-10-13T10:34:00.000-07:00This comment has been removed by a blog administrator.अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097688086868352762004-10-13T10:21:00.000-07:002004-10-13T10:21:00.000-07:00ई जापानी हायकू कविता है
इसके चक्कर में पडता कायकू?...ई जापानी हायकू कविता है<br />इसके चक्कर में पडता कायकू?<br /><br />या<br /><br />कोयल रही है कूक<br />मन में उठी है हूक<br />'चौचक' खिली है धूप<br />भाड में गया निमंत्रण<br />चट से तुम उठो<br />पट से बना लाओ 'सूप'.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138267.post-1097645688250074762004-10-12T22:34:00.000-07:002004-10-12T22:34:00.000-07:00वाह वाह
क्या बात है...
जो बात इस छोटी सी कविता मे...वाह वाह<br />क्या बात है... <br />जो बात इस छोटी सी कविता में है, वो बड़े बड़े चिट्ठो मे कहाँ.<br /><br />लगे रहो मिंया......Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.com